Wednesday 16 December 2015

मैं हिन्दुस्तान में हूँ

एकाएक लगा अभी तो सड़कों पर चलने का रास्ता नहीं था अभी एकदम चैड़ी कैसे हो गई ? अरे अलादीन का चिराग आ गया क्या ? हाँ चिराग ही तो है चार-पांच पुलिस वालों ने सब ठेले पास की गलियों में घुसा दिये


अतिक्रमण हटवा दिया सिकुड़ी सड़क फैल गई। कुछ क्षण उसे आराम मिल गया। अरे! एक के बाद बड़ी विदेशी कारें दौड़ी, यह मैं कौन से देश में आ गया सपना तो नहीं एकाएक जापान पहुंच गया क्या ? क्या कारें हैं. तरक्की कर ली देश ने वाह! वाह! मजा आ गया कोई नेताजी गये थे अपने गुर्गों के साथ निकल कर ।


 हाॅं वही तो नेताओं के साथ इधर उधर  एम्बैसडर चलती है । अपनी जंग खाई साइकिल बाहर निकाली  और फिर सड़क पर आया, वही सड़क घ्रि चुकी थी । दुकानदारों की दुकान फिर बाहर सज गईं थी । ठेले वाले खड़े थे । सिपाही उन पर से दोने लेकर खा रहे थे ।


नहीं, विदेश में नहीं भारत में ही हूँ विदेशी कार और मुफ्त का पैट्रोल नेता के लिये हैं । मै, तो जनता हूँ.. मेरे लिये तो जंग लगी साइकिल ही ठीक है ,उसकी खचर-खचर करती आवाज मुझे याद दिलाती है मैं आम हूँ मैंने ही नेता को चुना था  उसे खास बनाया था।


चलते चलते स्टेडियम की चकाचैध से आंखे चैधियां गई। अरे! अब यह तो सिडनी में आ गया वाह पहले शकीरा अब गागा वो सर्राटा भरती कारें एफ वन क्या क्या है मॅटालिका, थिरकते जिस्म के नशे में डूबा घर जा रहा था कि किसी छोटी बच्ची की दर्द भरी चीत्कार ने मुझे वापस ला दिया बच्ची दम तोड़ चुकी थी


दो व्यक्ति झाडि़यों से भाग गये मैं लौट आया , सिडनी से अपने भारत में जहाँ की संस्कृति जहां की सभ्यता जहाँ की मर्यादा विश्व पटल पर है जिसकी हम दुहाई देते हैं नहीं मैं यही इंडिया में ही हूँ।



और यह ताजमहल तो अमेरिका पहुंच गया। दूधिया रोशनी में नहा रहा है । सारा आगरा बिजली कटौती झेल रहा है ,पर जमुना किनारा तो जैसे दोपहर धूप में नहाया है । ताजमहल पर यान्नी का कार्यक्रम है जरूर यह अमेरिका है । ताजमहल उठाकर ले गये हैं दूर दूर तक सिर ही सिर। मैं जेब में रखा वी.वी आई.पी. टिकिट थपथपा रहा हूँ ।


सबसे बड़े अधिकारी ने भेजा था दुगने दाम में खरीदा है। सबसे अच्छा सूट प्रैस कराकर पहन कर आया हूँ भीड़ में धक्का मुक्की के बाद वी वी आई पी गेट पर पहुंचा। डंडे फटकारते पुलिस वालों का एक डंडा भी खाया और टिकिट दिखा कर अपने टिकिट नम्बर की सीट पर पहंुचा वहाँ  वहीं अधिकारी मुस्कराते बैठे हैं और वहाँ उपस्थित पुलिस वाले ने मुझे पीछे खड़ी जनता के पास पहुंचा दिया... कसमसाता रहा हूँ नहीं अमेरिका नहीं हिन्दुस्तान में हूँ ।



चलते चलते वेंकेट हाॅल पर पहुँचा, अरे वहाँ तो जन्नत का नूर बरस रहा है इन्द्रसभा जुटी है। मै तो स्वर्ग में आ गया। सभी महा शक्तियाँ उपस्थित हैं मंत्री, नेता, अभिनेता, अधिकारी, और सभी अप्सराऐं मदमाती चाल चल कर अपने सौंदर्य से उन्हें लुभा रहीं हैं। हर इठलाजी बलखाती कमर के निकलते ही अजब अजब सीत्कार की आवाजें निकल रही थी ।

मैं हिन्दुस्तान में हूँ का अगला भाग

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