Tuesday 13 September 2016

फंकिये मत

मुगलकाल में तारकलियां बहुत ही स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ था कहते हैं रसोइया उसमें पहले दिन की बची सब्बिजयों का शोरबा स्वाद के लिये डालता था। यद्यपि अविश्वसनीय है कि बादशाह के खाने में वासी परोसा जाये परन्तु यह भी सच है बासी कढ़ी में उफान यानी बासी कढ़ी अधिक स्वादिष्ट होती है।
       खाने बासी को बासी के रूप में रखने से शायद सभी नाकार दें उसे नया रूप दें तो कभी भी नही लगेगा कि बासी है। वैसे बहुत कुछ इस पर भी निर्भर करता है पहले दिन का क्या बचा है दूसरे दिन क्या बनाना है । वैसे हर भारतीय घर में मुख्य खाना दाल रोटी चावल, सब्जी बनती हैं और यही खाना अब बच्चे नकार देते हैं। उन्हें पंसद नही है और कोई न कोई बाजार से सब्जी आ जाती है। और सामान बच जाता है और गृहणी उसे फ्रिज में रख देती हैं। लेकिन दूसरे दिन उसका उपयोग उसी रूप में नही उपयोग में लाया जा सकता है। रोटी को छोटे टुकडे़ करके कढ़ाही में भून कर करारा कर लें फिर एक चम्मच तेल गरम करिये कढ़ी पत्ता राई लाल मिर्च तोड़कर डालें रोटी के टुकड़े नमक हरी मिर्च धनिया एक चम्मच चीनी चाट मसाला डालकर चला लीजिये। नीबू का रस डालिये मजेदार रोटी पोहा तैयार है। दाल को थोड़ा तेज आँच पर सुखा लीजिये और ठंडा करके आटे में गूंथियें करारे पराठें बनाइये।
       दाल में थोला बेसन मिलाकर उससे पकौड़ो का घोल तैयार करिये। चावल, में नमक मिर्च हरा धनिया अदरक गरम मसाला तथा महीन काटकर गाजर प्याज, गोभी, मटर डालिये गोले बनाकर उसे बेसन के  घोल में लपेटकर डालें मजेदार पकौड़े बनेगे। चावल को हल्का मसल कर नमक मिला लें उसमें एक पीस ब्रेड मिला लें एक आलू कसकर डालें पिट्टी सी बन जायेगी। इसके अंदर कुचली मटर हरी मिर्च, अदरक , धनिया, थोड़ी सी कटी किशमिश व दरदरी मूंगफली मिलाकर आलू टिक्की की तरह भरकर तवे पर सेकें। चटनी के साथ खायें। इस प्रकार बचे हुए पकौड़ो की तरीदार सब्जी बनाइये। बड़ी की सब्जी के सामान लगेगी।
       इसी प्रकार अनेकों प्रकार के व्यंजन थोड़े से हेर फेर से बनाये जा सकते हैं। पराठे को महीन कर लीजिये मिक्सी में चला लें एक चम्मच घी कढ़ाही में गरम करें उसमें पराठे का चूरा डालकर थोड़ा सा  ठंडा होने पर बूरा मिलाकर लड्डू बना लें चूरमा के लड्डू तैयार हैं। इसी प्रकार बाजरे की रोटी आदि को उपयोग में लाया जा सकता है। इनको बच्चों की पसंद का रूप भी दिया जा सकता है।

       रसोई की दराज में एक डिब्बी रबर बैंड के लिये रखिये। थैली पर मिठाई के डिब्बे पर रबर बैंड बंधे रहते हैं। निकालिये फेकिये मत डिब्बी में डाल दीजिये रबर बैंड की खरीदने की जरूरत नही पड़ेगी।

टूथपेस्ट, बॉडी लोशन, शैम्पू आदि की शीशियाँ व टयूब खत्म होने पर उल्टे मूँह की तरफ से रख दें दो तीन बार का पेस्ट बाँडी लोशन आदि और निकल आयेगा। फिर जरा सा झटक कर निकालेंगे तो सारा निकल आयेगा। वही एक एक रूपया बचाना ।

सिकाई का गर्म पानी करने की बॉटल वर्फ कूटने का अच्छा थैला बन जाता है।

ऐल्यूमिनियम के डिब्बे अब रखना रसोई में पसंद नही आते तरह तरह के प्लास्टिक के डिब्बे आ गये हैं। या स्टील के डिब्बे स्टोरेज के लिये उपयोग किये जाते हैं और एल्यूमिनियम का डिब्बे फूट में जाते हैं। जिनकी कोई खास कीमत नही मिलती लेकिन यदि उन्हें ऊपर से पेन्ट कर कुछ प्लास्टिक के फूल, सजा दीजिये सुंदर डस्टबिन तैयार है ऐसा ही उपयोग छोटी हैंन्डिल टूटी प्लास्टिक की बाल्टी या डिब्बे का किया जा सकता है।

चावल के माड़ को कभी फेंकियें मत वह बहुत उपयोगी है। आटा माड़िये बेसन, के घोल में मिलाइये दाल आदि में मिला दीजिये सारा स्टार्च उसी में है। हींग जीरे मीठी नीम राई का छोंक लगाइये। नमक काली मिर्च नीबू डालिये सूप तैयार हो जायेगा।
       इसी प्रकार अनेक वस्तुओं को फेंकने से पहले उपयोग में लाया जा सकता है।
नये को स्थान देने के लिये पुराने को हटाना ही पड़ेगा नही तो स्वयं के लिये जगह नही रहेगी। लेकिन पुराने को हटाने से पहले एक बार देख लें आपने उसका पूरा उपयोग कर लिया है। क्या उसका अन्य तरह उपयोग तो नही लाया जा सकता है।

No comments:

Post a Comment

आपका कमेंट मुझे और लिखने के लिए प्रेरित करता है

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...